नई दिल्ली, 11 जून 2025: कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई उनके लगातार पार्टी-विरोधी बयानों और गतिविधियों के चलते की गई है। लक्ष्मण सिंह, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह (@digvijaya_28) के छोटे भाई हैं। इस फैसले की घोषणा ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के मेंबर सेक्रेटरी तारिक अनवर ने एक प्रेस रिलीज के जरिए की।
प्रेस रिलीज में कहा गया कि लक्ष्मण सिंह को "पार्टी-विरोधी गतिविधियों" के कारण तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया गया है। हालांकि, प्रेस रिलीज में उनके उन बयानों का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया, जिनके चलते यह कदम उठाया गया। लेकिन सूत्रों के हवाले से पता चला है कि लक्ष्मण सिंह ने हाल के दिनों में पार्टी नेतृत्व और उसकी नीतियों के खिलाफ कई बयान दिए थे, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा और आंतरिक असंतोष बढ़ा।
लक्ष्मण सिंह मध्य प्रदेश के चचौड़ा से विधायक रह चुके हैं और दिग्विजय सिंह के परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके भाई दिग्विजय सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में से एक हैं और राज्यसभा सांसद हैं। सूत्रों का कहना है कि लक्ष्मण सिंह के बयान न केवल पार्टी की रणनीति के खिलाफ थे, बल्कि उन्होंने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति को कमजोर करने में भी भूमिका निभाई। मध्य प्रदेश में कांग्रेस पहले ही 2023 के विधानसभा चुनावों में हार का सामना कर चुकी है, और पार्टी अभी भी संगठनात्मक रूप से मजबूत होने की कोशिश में लगी है।
लक्ष्मण सिंह की ओर से अभी तक इस निष्कासन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं, दिग्विजय सिंह ने भी इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला मध्य प्रदेश कांग्रेस में चल रहे आंतरिक मतभेदों को और उजागर कर सकता है।
कांग्रेस पार्टी के इस कदम को अनुशासनात्मक कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है, जो यह संदेश देता है कि पार्टी अपने नेताओं से एकजुटता और अनुशासन की उम्मीद करती है, खासकर तब जब वह 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।


